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दिनेश कुकरेती
आज कोरोना की प्रिकाशन (बूस्टर) डोज भी लगवा ही ली। वैसे इसकी जरूरत नहीं थी, लेकिन पहली बार किसी कार्य के लिए समाज ने प्रथम पांत में माना है, इसलिए भावनाओं का अनादर करना उचित नहीं समझा। दरअसल, जब मैंने कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी, तब प्रशासन ने प्रेस से जुडे़ होने के कारण मेरा नाम भी अन्य साथियों के साथ कोरोना वारियर्स की सूची में डाल दिया था। इसी वजह से दूसरी डोज के लिए भी मुझे 84 दिन का इंतजार नहीं करना पडा़। दूसरी डोज के नौ माह बाद अब 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों, स्वास्थ्य कर्मियों व कोरोना वारियर्स को बूस्टर डोज लगाई लगाई जा रही है। सो, इसका लाभ मुझे भी मिल गया।
वैक्सीन के लिए मैंने कल रात ही दून मेडिकल कालेज में एक से तीन बजे का स्लाट बुक करा दिया था। सो, आज ठीक बारह बजे मैं आफिस पहुंच गया। वहां से अन्य साथियों के साथ वैक्सीनेशन के लिए जाना था, लेकिन पता चला कि वह तो सुबह ही टीका लगवा आए हैं। अब सिर्फ किरण भाई व हिमांशु रह गए थे, वो और मैं साथ ही गए। वैक्सीनेशन सेंटर में एक-दो लोग ही थे, इसलिए वहां हमें पांच मिनट से अधिक का समय नहीं लगा। इसके बाद हम सीधे आफिस लौट आए। भोजन के लिए मैंने खत्री के माध्यम से पहले ही कैंटीन में समीर को कह दिया था, इसलिए निश्चंतता थी।
तकरीबन तीन बजे के आसपास हम भोजन करने के लिए कैंटीन में पहुंचे और फिर मीटिंग के बाद शाम पांच बजे चाय पीने। यह हमारा डेली रूटीन है। इतवार को कैंटीन बंद रहती है, इसलिए उस दिन हम आफिस के पास सड़क किनारे ढाबे में चाय पीते हैं। आजकल विधानसभा चुनाव के कारण दिनचर्या पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो रखी है। 14 फरवरी को मतदान संपन्न होने तक तो घर भी नहीं जाया जा सकता। उस पर पिछले दिनों कोरोना भी हो गया था, जिसका असर अभी भी है। हालांकि, मैंने आरटी-पीसीआर जांच नहीं करवाई, लेकिन जिन साथियों ने करवाई, वो पाजीटिव ही निकले।
अकेले में पाजीटिव आना भी गंभीर समस्या है। जिम्मेदारों ने कोरोना को लेकर माहौल ही इस कदर बिगाड़ दिया है कि हम कोरोना मरीज के साथ अस्पृश्य जैसा बर्ताव करने लगते हैं। सोचिए! ऐसे में उसकी मनोवृत्ति पर क्या असर होगा। नकारात्मक वातावरण उसके स्वास्थ्य को नुकसान ही तो पहुंचाएगा। यही हुआ भी, कोरोना से ज्यादा कोरोना के खिलाफ बने माहौल से ज्यादा लोग मरे। इसके अलावा जिम्मेदारों की घनघोर लापरवाही भी मौत की बडी़ वजह बनी। अस्पतालों में जो कुछ घटा, वह किसी से छिपा थोडे़ है। इसलिए मैंने अपना इलाज अपने ही तरीके से किया। कुछ दिन जरूर दिक्कत हुई, लेकिन फिर सब सामान्य हो गया।
हां! इस दौरान यह जरूर हुआ कि मैं ठीक से हीलिंग का अभ्यास नहीं कर पाया। हालांकि, सच्चिदानंद वैलनेस फाउंडेशन के बैनर तले क्वांटम हीलर एवं होलिस्टिक कोच गणेश काला की ओर से चलाई जा रही हीलिंग की आनलाइन कार्यशाला में मैंने नियमित रूप से प्रतिभाग किया। वैसे तो यह कार्यशाला एक से 21 जनवरी तक थी, लेकिन कालाजी ने इसे आगे भी कुछ दिन तक जारी रखा। मुझे भरोसा है कि इससे शिविरार्थियों को जरूर लाभ मिला होगा। भई! मुझे तो मिला। साथ ही मैं इस विधा को सीखने के लिए प्रेरित भी हुआ।
अब तो हीलिंग के अभ्यास से ही मेरे दिन की शुरुआत होती है। इसके लिए मैं सुबह पांच बजे हर हाल में जाग जाता हूं। तन-मन के स्वास्थ्य के लिए इतना तो करना ही पड़ता है। आप भी अगर हीलिंग सीखना चाहते हैं और जीवन में सकारात्मकता लाना चाहते हैं तो होलिस्टिक कोच गणेश काला से फोन, वाट्सएप व टेलीग्राम पर सीधे संपर्क कर सकते हैं। उनका फोन, वाट्सएप वा टेलीग्राम नंबर 918057286132 है।
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Booster dose and corona
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Dinesh Kukreti
Today the publication (booster) dose of Corona has also been installed. Although it was not needed, but for the first time for any work, the society has accepted it in the first line, so it was not considered appropriate to disrespect the feelings. Actually, when I had administered the first dose of the corona vaccine, then the administration had put my name in the list of corona warriors along with other colleagues due to being associated with the press. That's why I didn't have to wait for 84 days for the second dose as well. Nine months after the second dose, now a booster dose is being applied to the elderly, health workers and corona warriors above 60 years of age. So, I also got the benefit of this.
For the vaccine, I had booked a slot from one to three o'clock last night at Doon Medical College. So, today at exactly twelve o'clock I reached the office. From there he had to go for vaccination along with other colleagues, but it was found that he had come to get the vaccine done in the morning itself. Now only Kiran Bhai and Himanshu were left, he and I went together. There were only one or two people in the vaccination center, so it didn't take us more than five minutes there. After that we went straight back to the office. I had already told Sameer in the canteen through Khatri for food, so there was restlessness.
Around three o'clock we reached the canteen to have a meal and then after the meeting at five o'clock to have tea. This is our daily routine. The canteen is closed on Sundays, so that day we have tea in the roadside dhaba near the office. Nowadays the routine has been completely disturbed due to the assembly elections. Can't even go home till the polling is over on February 14. Corona had also happened on him in the past, which still has its effect. Although, I did not get the RT-PCR test done, but the colleagues who got it done, they turned out to be positive.
Coming positive alone is also a serious problem. The responsibilities have spoiled the atmosphere regarding Corona in such a way that we start treating corona patients like untouchables. Think! So what will be the effect on his attitude? Negative environment will only harm his health. The same thing happened, more people died due to the atmosphere created against Corona than Corona. Apart from this, the gross negligence of the responsible also became a major cause of death. Whatever happened in the hospitals is a bit hidden from anyone. So I treated myself in my own way. It was a problem for a few days, but then everything went back to normal.
Yes! During this it definitely happened that I was not able to practice healing properly. However, I regularly attended online healing workshops conducted by Ganesh Kala, a quantum healer and holistic coach under the banner of Satchidananda Wellness Foundation. Although this workshop was from January 1 to 21, but Kalaji continued it for a few days. I am sure the campers must have benefited from this. Hey! I got it At the same time, I was also inspired to learn this mode.
Now my day begins with the practice of healing. For this, I always wake up at five in the morning. So much has to be done for the health of body and mind. If you also want to learn healing and bring positivity in life, then you can directly contact the holistic coach Ganesh Kalas by phone, whatsapp and telegram. His phone, whatsapp or telegram number is 918057286132