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दिनेश कुकरेती
लंबे समय से सोशल मीडिया पर मेरा ज्यादा वक्त गुजर रहा है। खासकर जनपक्षीय पत्रकारों व जागरूक लोगों के यू-ट्यूब चैनल देखने-सुनने में। यह मेरा स्वभाव भी है और चरित्र भी। मैंने हमेशा आम जनमानस के पक्ष में खडा़ रहना सीखा है और प्रगतिशील पुस्तकें पढ़कर भी ऐसे ही संस्कार मुझे मिले। इसलिए मैं किसी न किसी रूप में जनता के हर संघर्ष में भागीदार बनता रहा हूं और अब भी बनता रहता हूं। इसका एक फायदा तो यह हुआ कि मेरी अध्ययन के प्रति रुचि बढी़ है। साथ ही धर्म, जाति व क्षेत्र की संकीर्णताओं से भी मुझे निजात मिली है।
यह ऐसा दौर है, जब समाज का एक वर्ग बुरी तरह संकीर्णताओं में जकडा़ हुआ है, बल्कि ऐसा कहना ज्यादा प्रासंगिक होगा कि जकड़ दिया गया है। असहमति के लिए कहीं कोई जगह नहीं रह गई है और ये सारा खेल सत्ता के लिए हो रहा है। ऐसे में जागरूक लोगों की सबसे बडी़ जिम्मेदारी यही है कि वह सच बोलने का साहस दिखाएं। वैज्ञानिक चेतना का प्रसार करें। यही करने की मैं भी कोशिश कर रहा हूं। इससे मन में संतुष्टि का भाव भी रहता है और बहुत-कुछ नया सीखने को भी मिलता है।
आप सोच रहे होंगे कि मैं कहां उपदेश देने लगा। पर, सच कहूं तो यह सब मेरी दिनचर्या और जीवनचर्या का हिस्सा है। हां! इतना जरूर है कि मैं किसी से उलझता नहीं हूं। इससे कोई फायदा भी नहीं है। मेरी तो यही सोच है कि स्वयं मन, बुद्धि और चेतना से स्वस्थ रहो, फिर आपको परिवेश के स्वस्थ होने का भी एहसास होने लगेगा। लेकिन, ऐसा तभी संभव है, जब हम व्यापक स्तर पर अध्ययन-मनन करें और इसके लिए पुस्तकों से लगाव होना जरूरी है। सच कहूं तो मेरे जीवन में सबसे ज्यादा अहमियत पुस्तकों की ही रही है। इसलिए विलासिता मुझे कभी छू तक नहीं पाई। यही मेरी उपलब्धि भी है।
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Today's knowledge
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Dinesh Kukreti
I have been spending more time on social media for a long time. Especially in watching and listening to YouTube channels of public journalists and aware people. This is my nature as well as character. I have always learned to stand in favor of the common man and I got similar values by reading progressive books. That is why I continue to be a participant in every form of struggle in one form or the other and still continue to be so. One of the advantages of this is that my interest in studies has increased. At the same time, I have also got rid of the narrowness of religion, caste and region.
This is a period when a section of society is badly cluttered, rather it would be more relevant to say that it has been gripped. There is no room for disagreement and this whole game is happening for power. In such a situation, the biggest responsibility of the aware people is to show courage to tell the truth. Spread scientific consciousness. I am trying to do the same. There is also a sense of satisfaction in this mind and you get to learn a lot of new things.
You must be wondering where I started to teach. But to be honest, it is all part of my daily routine and lifestyle. Yes! It is definitely that I do not get entangled with anyone. There is no benefit from this either. My only thought is that you should be healthy with your mind, intellect and consciousness, then you will also start feeling healthy of the environment. But, this is possible only when we do extensive study and it is necessary to have an attachment to books. To be fair, books have been the most important thing in my life. Therefore, luxury never touched me. This is my achievement too.
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