Sunday, 9 August 2020

09-08-2020 (मेडिकल स्टोर और वो)

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मेडिकल स्टोर और वो 

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दिनेश कुकरेती

ला मेडिकल स्टोर भी किसी को प्रिय होता है, सिवाय उसके मालिक के। पर, मुझे है और वह भी अपने मुहल्ले के पास वाला। मेरे कमरे से ज्यादा से ज्यादा दो सौ मीटर के फासले पर होगा। अक्सर मेरा उधर से गुजरना होता रहता है, इसलिए एक निगाह मेडिकल स्टोर के काउंटर पर जरूर डाल लेता हूं। दवा की एक गोली भी लेनी हो तो कदम खुद-ब-खुद उधर का रुख कर लेते हैं। अगर वहां दवा न हो तो मैं यह पूछना नहीं भूलता कि कब तक आएगी। साथ ही खुद उत्तर भी दे देता हूं, "कल-परसों तो आ ही जाएगी।"

पता है क्यों? दरअसल मेडिकल स्टोर की मालिक एक खूबसूरत महिला है। हालांकि, ज्यादा समय उसका पति ही वहां बैठता है, लेकिन दुकान का लाइसेंस पत्नी के नाम से ही है। इसलिए रोजाना दो-तीन घंटे वो दुकान पर अवश्य गुजारती है। वैसे आती तो वो पति के लिए खाना लेकर है, लेकिन लौटने की कोई जल्दी नहीं रहती। उसका बात करने का लहजा भी गजब का है। खासकर दवा देते वक्त उसका कहा एक-एक शब्द तन-मन को सुकून का अहसास करा देता है। ऐसा लगता है, मानो दवा के साथ दुआ भी दे रही हो।

निश्चित रूप से आपको भी उसके बारे में जानने की उत्सुकता होगी।...तो चलिए बता ही देता हूं, मेरा भी मन का बोझ कुछ हल्का हो जाएगा। हालांकि, मुझे उसका पता ठिकाना कुछ मालूम नहीं है। मैंने जानने की कभी कोशिश भी नहीं की। हां, पर वह मुझे पसंद बहुत है। 43-44 साल से कम उम्र की नहीं होगी। भरा-भरा शरीर, लेकिन किसी सांचे में ढला हुआ सा। सम्मोहन बिखेरती आंखें, मुस्कराते होंठ, घने-लंबे बाल, दायें हाथ में गोल्डन कलर की खूबसूरत घडी़ और कानों में गाल का स्पर्श करते कुंडल उसे और भी आकर्षक बनाते हैं।
गाहे-बगाहे मेडिकल स्टोर पर जाने के कारण मेरी अब दोनों पति-पत्नी से अच्छी जान-पहचान हो गई है। इस बहाने थोडा़ इधर-उधर की बातें भी हो जाती हैं। शहर से बाहर होने के कारण जब मैं काफी दिनों बाद दुकान पर जाता हूं तो वो सवाल जरूर करती है, "कहां चले गए थे आप, दिखे नहीं इतने दिनों।" अब आप ही बताइए, आखिर ऐसा अपनापन कौन दिखाता है। कुछ तो ऐसा है, जो हम एक-दूसरे को देखना चाहते हैं। महसूस करना चाहते हैं।

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Medical Store and them
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Dinesh Kukreti
A good medical store is also dear to anyone, except its owner. But, I have and that too near my neighborhood. It will be more than two hundred meters away from my room. Often I have to go through there, so I definitely take a look at the counter of the medical store. If you want to take even a pill of medicine, then you automatically move there. If there is no medicine there, I do not forget to ask how long it will come. At the same time, I answer myself, "Tomorrow will come tomorrow."
know why? Actually the owner of the medical store is a beautiful woman. Although her husband sits there for a long time, the license of the shop is in the wife's name only. So she must spend two or three hours every day at the shop. By the way, she has brought food for her husband, but there is no hurry to return. The tone of his talk is also wonderful. Especially while giving the medicine, every single word he says makes the body feel relaxed. It is as if you are praying with medicine.
Surely you too will be anxious to know about him… so let me tell you, my mind will also be lightened. However, I do not know his whereabouts. I never even tried to know. Yes, but he likes me very much. Will not be less than 43-44 years old. Full body, but a bit molded in a mold. Fascinating eyes, smiling lips, thick long hair, beautiful golden colored watches in the right hand and the coil touching the cheeks in the ears make it even more attractive.
Due to going to the medical store, I have got acquainted with both the husband and wife. On this pretext, things also happen here and there. Being out of town, when I go to the shop after a long time, she definitely asks, "Where did you go, did not see so many days." Now you tell me, who shows such familiarity? There is something that we want to see each other. Want to feel.

2 comments:

  1. आपका मेरे ब्लाग में स्वागत है।

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  2. मितरों! अगर आपको मेरा ब्लाग अच्छा लगे तो इसे फालो अवश्य कीजिएगा। साथ ही कमेंट बाक्स में जाकर अपनी राय भी जरूर दीजिए, ताकि आगे मैं इसे और भी बेहतर बना सकूं। समाज में पढ़ने-लिखने की संस्कृति विकसित करने के लिए मेरी ये एक छोटी-सी कोशिश है। इसमें सहभागी अवश्य बनें। धन्यवाद!!

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