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दिनेश कुकरेती
रात से ही बारिश हो रही है। कभी हल्की, कभी तेज। पर, मुझे तो आफिस जाने की चिंता है। इसलिए बारिश से बेखबर दैनिक कार्यों को तेजी से निपटा रहा हूं। हमेशा की तरह। कुछ दिनों से लगातार एक युवती का फोन आ रहा है। पता नहीं क्यों मेरा क्रेडिट कार्ड बनाने पर आमादा है। गलती मेरी ही है। पहले दिन ही इन्कार कर देता तो उसे की क्या पडी़ थी रोज-रोज फोन करने की। पर, आदत के अनुसार मैंनै कह दिया कि आज तो बिजी हूं, इसलिए डिटेल में बात नहीं हो पाएगी। एक-दिन बाद फोन करना। बस! वो दिन है और आज का दिन, वह लगातार फोन कर रही है।
मजा देखिए कि उससे अब अच्छी पहचान भी हो गई है। इसलिए फोन करती है तो सीधे प्वाइंट पर नहीं आती। इधर-उधर की बात करने लगती है। अपने बारे में बताती है और मेरे बारे में भी पूछती है। फिर जिद करके कहती है कि आपका क्रेडिट कार्ड तो मुझे हर हाल में बनाना है। जबकि, मैं घुमा-फिराकर उससे कई बार कह चुका हूं कि फिलहाल मुझे क्रेडिट कार्ड की जरूरत नहीं। पर, मुझे लगता है कि वह मुझे साफ्ट टारगेट मान चुकी है और उम्मीद करती है कि लपेट में ले ही लेगी। तभी तो जोर देकर कहती है कि मैं खुद ही आऊंगी आपके पास। देखिए! वो जीतती है कि मैं।
हां! इतना जरूर है कि उसके चक्कर में मैं आज अपनी उस खास दोस्त को जन्मदिन की बधाई देना भी भूल गया, जिससे 20 साल बाद कल ही बात हुई थी। वह तो भला हो फेसबुक का, जिसने समय रहते चेता दिया कि उसे विश भी करना है। सो, विलंब से ही सही, पर सबसे पहला काम मैंने यही किया। नहीं करता तो वो नाराज हो जाती। यह उसका अधिकार भी है। सच कहूं तो इस तरह के अधिकार का प्रयोग करने वाला जीवन में कोई तो होना ही चाहिए। अन्यथा जीवन नीरस-सा लगने लगता है।
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Now he has also been recognized
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Dinesh kukreti
It has been raining since night. Sometimes light, sometimes fast. But, I worry about going to office. Therefore, I am increasingly dealing with daily tasks, oblivious to rain. like always. For some days, a young girl's phone has been coming continuously. Don't know why I intend to make my credit card. The mistake is mine. If he refused on the first day, what did he have to do every day? But, according to habit, I have said that I am busy today, so I will not be able to talk in detail. Calling after one day. Bus! It is that day and today is the day, she is calling constantly.
Look at the fun that now he is also well recognized. Therefore, if she calls, she does not come directly to the point. Starts talking here and there. Tells about herself and also asks about me. Then stubbornly says that I have to make your credit card. Whereas, I have repeatedly told him that I do not need a credit card at the moment. But, I think she has accepted me as a soft target and hopes to wrap it up. That's why she insists that I myself will come to you. Look! She wins that me.
Yes! It is so important that I forgot to congratulate my special friend on his birthday today, which was talked about yesterday after 20 years. That is good of Facebook, who warned in time that he has to wish. So, right late, but this is the first thing I did. If she does not, she would get angry. It is also his right. To be fair, there must be someone in the life who exercises such authority. Otherwise life starts to look dull.
मितरों! अगर आपको मेरा ब्लाग अच्छा लगे तो इसे फालो अवश्य कीजिएगा। साथ ही कमेंट बाक्स में जाकर अपनी राय भी जरूर दीजिए, ताकि आगे मैं इसे और भी बेहतर बना सकूं। समाज में पढ़ने-लिखने की संस्कृति विकसित करने के लिए मेरी ये एक छोटी-सी कोशिश है। इसमें सहभागी अवश्य बनें। धन्यवाद!!
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