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दिनेश कुकरेती
आज छुट्टी का तीसरा दिन था। सोचा आराम से कट जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। सुबह योग-प्राणायाम के बाद मैंने हल्का-फुल्का नाश्ता किया और भोजन बनाने की तैयारी में जुट गया। इसी बीच वाट्सएप पर आफिस से आए एक मैसेज ने मूड खराब कर दिया। मैसेज सूचना विभाग का है। कहा गया है कि जो मीडिया कर्मी हरिद्वार से कुंभ की कवरेज कर देहरादून लौटे हैं, वे आरटी-पीसीआर टेस्ट करा लें। उनके लिए घंटाघर स्थित आंबेडकर पार्क में आज से तीन दिवसीय कैंप लगाया गया है। टेस्ट सुबह दस से दोपहर दो बजे तक होगा।
जिस समय मैंने यह मैसेज पढा़, तब पूर्वाह्न के ग्यारह बज रहे थे। इसके बाद मन में उथल-पुथल सी मच गई। क्योंकि, कोरोना जांच कराए बिना आफिस जाना संभव नहीं था और दुर्भाग्य से पाजीटिव आ गया तो कोई पूछने वाला तक नजर नहीं आएगा। दरअसल, मैं देहरादून में अकेला रहता हूं, इसलिए हर कार्य स्वयं करना पड़ता है। अकेले रहने के कारण मैं वीकली आफ भी नहीं करता, बल्कि सारे आफ एक साथ एडजस्ट कर छुट्टी पर घर चला जाता हूं। इसलिए मकान मालिक भी असमंजस में हैं कि इस बार मैं इतनी छुट्टी क्यों कर रहा हूं। हालांकि, मैंने उन्हें बता रखा है कि बची हुई छुट्टियां एडजस्ट कर रहा हूं।
यहां मुश्किल यह है कि पाजिटिव आने की स्थिति में क्या होगा। वैसे मैं पूरी तरह स्वस्थ हूं, लेकिन मानवीय स्वभाव है, आशंकित तो रहता ही है। वैसे मैं सोच रहा हूं कि इस संबंध में किसी को कोई जानकारी नहीं दूंगा। कह दूंगा कि आफिस से कुछ दिन "वर्क फ्राम होम" का आदेश हुआ है। फिर सोचता हूं क्या ऐसा करना उचित होगा। इसी उधेड़बुन में भोजन भी लेट गया। इस बीच घर से भी फोन आ गया। घर में तो बताना ही था कि स्थिति क्या है। साथ ही ये भी बता दिया कि कल टेस्ट कराऊंगा। देखते हैं क्या होता है। मेरी इस बात पर पत्नी ने आश्वस्त किया कि सब ठीक होगा, निश्चिंत रहिए। इस बात से काफी हौसला मिला।
खैर! भोजन करने के बाद मैं आराम करने के मूड में लेटा ही था कि आफिस से फोन आ गया। इसी मैसेज पर बात हुई। इसके बाद मैं यू-ट्यूब पर वीडियो देखने लगा और कब नींद आ गई पता ही नहीं चला। ठीक सात बजे नींद खुली और फिर भोजन बनाने में जुट गया। साढे़ आठ बजे तक मैं भोजन कर चुका था। अब मैं पूरी तरह फ्री था, सोचा क्यों न थोडी़ देर घर बात कर ली जाए। छुट्टियां होने के कारण घर पर भी फोन का इंतजार रहता है। लगभग पौन घंटे बात हुई होगी। टापिक वही दिन वाला ही था।
इस समय रात के साढे़ ग्यारह बजे हैं। पीने व नहाने के लिए पानी भरकर रख लिया है। अब एकाध घंटे यू-ट्यूब पर वीडियो देखूंगा, फिर देखते हैं नींद कब आती है। हालांकि, नींद की मुझे कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन भ्रम के चलते सोने में थोडा़ विलंब हो सकता है। कल महत्वपूर्ण दिन है, हो सकता है शाम तक कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट मिल जाए। खैर! अपने हाथ में कुछ नहीं है। जो होगा, देखा जाएगा। शुभरात्रि!!!
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Mind upheaval
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Dinesh Kukreti
Today was the third day of the holiday. Thought will cut easily, but it did not happen. After yoga-pranayam in the morning, I had a light breakfast and started preparing for cooking. Meanwhile, a message from the office on WhatsApp spoiled the mood. The message is from the information department. It has been said that media personnel who have returned to Dehradun from Haridwar by coverage of Kumbh, should undergo RT-PCR test. A three-day camp has been set up for them in Ambedkar Park, clock tower. The test will be from ten in the morning to two in the afternoon.
At the time when I read this message, it was eleven o'clock in the morning. After this there was uproar in the mind. Because it was not possible to go to the office without conducting a corona examination and unfortunately if someone came positive, no one would even be able to see. Actually, I live alone in Dehradun, so I have to do everything myself. Due to being alone, I don't even do weekly off, instead adjusting all of them together and go home on vacation. So the landlords are also confused as to why I am taking such a holiday this time. However, I kept telling them that I am adjusting the remaining holidays.
The difficulty here is what will happen in the event of a positive coming. Although I am perfectly healthy, but there is human nature, it remains apprehensive. By the way, I am thinking that I will not give any information to anyone in this regard. I will say that a few days "work from home" has been ordered from the office. Then I wonder whether it would be appropriate to do so. Food was also lying in the same turmoil. Meanwhile, a call was also received from home. Had to tell at home what the situation was. Also told that I will do the test tomorrow. Let's see what happens. My wife assured me that everything would be fine, be relaxed. This was very encouraging.
Well! After the meal, I was lying in a relaxed mood that I got a call from the office. This message was talked about. After this, I started watching videos on YouTube and did not know when I was sleepy. At seven o'clock, I got up to sleep and then started cooking. I had already eaten by half past eight. Now I was completely free, thought why not talk to the house for a while. Due to the holidays, the phone is also waiting at home. There must have been talk for about quarter to five hours. Topic was the same day.
It is half past eleven at night. Have filled water for drinking and bathing. Now I will watch the video on YouTube for a few hours, then let's see when sleep comes. However, I have no problem sleeping, but due to confusion there can be a slight delay in sleeping. Tomorrow is an important day, you may get corona test report by evening. Well! There is nothing in your hand. we will see whatever happens. good night!!!
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