Monday, 31 May 2021

21-04-2021(News from here and there)























 


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कुछ इधर की, कुछ उधर की

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दिनेश कुकरेती

ज ऐसा कुछ भी उल्लेखनीय नहीं हुआ, जिसका खासतौर पर जिक्र किया जा सके। सुकून वाली बात यह है कि आज हरिद्वार से लखेडा़ जी का फोन भी नहीं आया, यह पूछने के लिए कि पैसे कब भेज रहे हैं। इसके अलावा आफिस के एकाउंट सेक्शन से भी मेरे लिए अभी फोन नहीं आया है। इसका मतलब अब तक बिल पास नहीं हुआ है। हरिद्वार से लौटते हुए छायाकार साथी राजेश बड़थ्वाल ने कहा था कि फिलहाल अपने एकाउंट से भुगतान कर दूंगा। इसके बाद बिल तो पास हो ही जाना है। लेकिन, देहरादून पहुंचने पर उसने ऐसा नहीं किया। जबकि, लखेडा़ जी उसी के दोस्त हैं और उसी के भरोसे उन्होंने इस उधारी की गारंटी ली।

 खैर! फिलहाल आज मामला शांत है। इधर, कोरोना संक्रमण की गति लगातार तेज रही है। खासकर देहरादून में संक्रमण काफी बढ़ गया है। यही कारण है कि अब रुटीन बिल्कुल टाइम टेबल के हिसाब से चल रहा है। घर से आफिस और आफिस से घर। कहीं कोई नयापन नहीं। उस पर आफिस के भी तीन लोग परिवार के कुछ सदस्यों समेत कोरोना की चपेट में हैं। इससे माहौल और बोझिल हो रखा है। स्थिति यह है कि छुट्टी लेकर घर भी नहीं जाया जा सकता। बीते वर्ष भी ठीक आठ महीने बाद घर जाना हो पाया था। इस बार कब होगा, फिलहाल कह पाना मुश्किल है।

 













हमारा तो पेशा ही पब्लिक रिलेशन का है। लाकडाउन हो या कर्फ्यू लग जाए, हमें तो हर हाल में ड्यूटी करनी है। देश-प्रदेश में क्या घट रहा है, इसकी सूचना लोगों  तक पहुंचानी है। फिर भले ही स्वयं की सुध लेने को वक्त न निकल पाए। इसलिए खतरा भी हमारे साथ-साथ चलता है और हम खतरे के। खासकर फील्ड स्टाफ तो सर्वाधिक असुरक्षित है। वैसे मैं इस बोझ को सर पर रखकर नहीं चलता और तनावमुक्त रहता हूं। सीधी सी बात है, जो चीज हमारे वश में नहीं, उसके लिए चिंता करके क्यों अपना बीपी बढा़या जाए।

इसी विचार के साथ आज मैं आफिस गया और रात को रूम में भी लौटा। इस समय रात के डेढ़ बजे हैं। साढे़ ग्यारह बजे तक भोजन करने के बाद मैं पीने व नहाने के लिए पानी भी भर चुका है। तब से यू-ट्यूब पर इंडियन आइडल देख रहा हूं। इस इवेंट को मैं वर्षों से देखता आ रहा हूं। खूब मजा आता है। इस बार पवनदीप राजन व सवाई भाट को सुनना काफी आनंद देता है। अन्य प्रतियोगी भी मंझे हुए हैं। खैर! अभी रात काफी हो गई है। आप भी नींद का आनंद लीजिए। शुभरात्रि!!!

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News from here and there

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Dinesh Kukreti

Nothing remarkable has happened today, which can be specifically mentioned.  The comforting thing is that today Lakhhedji's call from Haridwar was not even received, to ask when sending money.  Apart from this, I have not received a call from the accounts section of the office.  This means the bill has not yet been passed.  Returning from Haridwar, cinematographer fellow Rajesh Baratwal had said that I will pay from my account at the moment.  After that the bill has to be passed.  However, he did not do so on reaching Dehradun.  Whereas, Lakheda ji is his friend and in his trust, he took the guarantee of this borrowing.

 Well!  At present, the matter is calm today.  Here, the speed of corona infection has been steadily increasing.  Especially in Dehradun, the infection has increased significantly.  This is the reason that now the routine is running exactly according to the time table.  Home to office and office to home.  There is no newness anywhere.  Three people from the office, including some family members, are in the grip of Corona.  This has made the atmosphere more cumbersome.  The situation is that one cannot even go home by taking leave.  Last year too, I was able to go home after eight months.  When this time will happen, it is difficult to say at the moment.

Our profession is of public relation only.  Whether there is a lockdown or curfew, we have to do duty in any case.  What is happening in the country and state, information should be conveyed to the people.  Then even if there is no time to take care of oneself.  Therefore, danger also goes along with us and we also face danger.  In particular, the field staff is the most vulnerable.  By the way, I do not keep this burden on my head and remain stress free.  It is a simple matter, why should you increase your BP by worrying about something which is not under our control.

With this thought, I went to the office today and also returned to the room at night.  It is half past one at night.  After having lunch till half past eleven o'clock, I have also filled water for drinking and bathing.  Since then I have been watching Indian Idol on YouTube.  I have been watching this event for years.  It is a lot of fun.  This time Pawandeep enjoys listening to Rajan and Sawai Bhat.  Other contestants have also been admitted.  Well!  It is too much at night.  You too enjoy your sleep.  good night!!!

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