Thursday, 24 June 2021

11-06-2021 (Historic day of happiness)

(भाग - एक)
खुशी का ऐतिहासिक दिन
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दिनेश कुकरेती
जून की 11 तारीख मेरे जीवन में खास मायने रखती है। मेरे लिए यह सेलिब्रेशन का दिन है। आज ही के दिन 21 वर्ष पूर्व हमारी सगाई हुई थी और हम एक हो गए थे। हालांकि, इस शानदार दिन को मैं हमेशा भूल जाता हूं और रजनी ही मुझे याद दिलाती है। आज भी रजनी ने ही याद दिलाया। मुझे अफसोस तो हुआ, लेकिन किया कुछ नहीं जा सकता था। सिवाय इसके कि मैं भविष्य में इस दिन को याद रखने का न सिर्फ संकल्प लूं, बल्कि सचमुच इस दिन को याद भी रखूं। वैसे सच कहूं तो हर साल मेरे साथ यही होता है। बस! रजनी थोडा़ नाराज होती है और फिर मेरी परिस्थितियों को समझते हुए मुझे माफ कर देती है।

























ऐसा नहीं कि आगे-पीछे मुझे यह दिन याद नहीं रहता। रहता है, पर हालात कुछ ऐसे बनते हैं कि ऐन मौके पर भूल जाता हूं। आज भी सुबह तक मुझे याद था। सोच रहा था फोन करके पहले मैं ही रजनी को शुभकामनाएं दूंगा, लेकिन फिर बात दिमाग से ही उतर गई। इसलिए जब दोपहर बारह बजे के आसपास मैंने रजनी को फोन किया तो हमेशा की तरह रोजमर्रा की चर्चा में मशगूल हो गया। उसे तो सब-कुछ याद था, सो मुझसे सवाल करते हुए बोली- "आज क्या है, कुछ याद भी है?"

मैंने जवाब देने के बजाय उल्टे सवाल दागा- "तू ही बता क्या है?"

वो फिर बोली- "क्या कुछ याद नहीं है आपको?"

मैंने कहा- "अब बता भी दे?" हालांकि, मुझे एहसास होने लगा था कि मैं जरूर कुछ भूल रहा हूं।

वो व्यंग्यात्मक लहजे में बोली, "आपकी सगाई हुई थी शायद?"

उसके मुंह से यह सुनते ही मुझे सब-कुछ याद हो आया। ग्लानि भी होने लगी कि कैसा आदमी हूं मैं, जो खुशी के पल भी याद नहीं रख पाता।

खैर! अब हो क्या सकता था, सो मैंने रजनी को बधाई दी और समझाया कि भागादौडी़ की जिंदगी में कुछ भी याद नहीं रहता, सिवाय काम के। उस पर इस कोरोना महामारी ने तो सोचने-समझने की शक्ति ही छीन ली है। अब वो भी समझ गई थी कि मेरा नहीं परिस्थितियों का दोष है, इसलिए बधाई देते हुए बोली- "आज क्या खास बना रहे हो? मैंनै तो बच्चों के लिए मिल्क शेक बनाया था।"

मैंने कहा, "बस! हो तो गया, जब मैं घर आऊंगा, मेरे लिए भी बना देना। फिलहाल तो मैं दाल-रोटी बना रहा हूं।"

"ठीक है, पर अपने लिए भी कभी फ्रूट्स वगैरह भी ले आया करो। आप तो कभी लाते ही नहीं हो"- रजनी ने कहा।

मैं बोला- "ले आऊंगा भई।"

इसके बाद काफी देर इधर-उधर की बातें हुई। बच्चों की पढा़ई, घर का खर्चा, स्वास्थ्य, दिनचर्या वगैरह-वगैरह। फिर रजनी ही बोली- "काफी देर हो गई है। मैं भी खाना बनाती हूं। छोटे को तो बिल्कुल ठंडा खाना चाहिए। नहीं तो मुझे ही खाने दौडे़गा।"
मैंने कहा- "ठीक है फिर। रख दे अब फोन, मैं भी अब भोजन कर रहा हूं।" उधर से रजनी ने और इधर से मैं "बाय" कहा और फोन रख दिया।

इस तरह हमने जीवन के इस खास दिन को इंज्वाय किया। वो भी खुश और मैं खुश। संघर्ष में यही तो मजा है, इन्सान को खुशी के दो पल भी बहुत लंबे लगते हैं। बहरहाल! इसके बाद मैंने भोजन किया और आफिस की राह पकड़ ली। रात साढे़ दस बजे मैं वापस कमरे में लौटा। इस समय रात के पौने एक बज रहे हैं और मैं डायरी लिखने में मशगूल हूं।

मितरों! जब सगाई का यह खास दिन सेलिब्रेट हो ही रहा है तो मन कर रहा है कि क्यों न मैं वह किस्सा भी आपको सुना दूं, जिसने खास मेरे लिए इस दिन को ऐतिहासिक बना दिया। यकीन जानिए, आपको भरपूर आनंद आएगा और ऐसा किस्सा पहले आपने कभी सुना भी नहीं होगा । लेकिन...आज नहीं, इसके लिए आपको कल तक का इंतजार करना पडे़गा। तब तक के लिए मुझे इजाजत दीजिए, नमस्कार!! शुभरात्रि!!

(जारी......)
11-06-2021
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(Part - one)

Historic day of happiness
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Dinesh Kukreti
The 11th of June holds a special significance in my life.  For me it is a day of celebration.  On this day 21 years ago we got engaged and we became one.  However, I always forget this wonderful day and it is Rajni who reminds me.  Even today Rajni reminded me.  I am sorry, but nothing could be done.  Except that I not only resolve to remember this day in future, but also really remember this day.  Well to be honest, this happens to me every year.  Bus!  Rajni gets a little annoyed and then understands my circumstances and forgives me.

























It's not that I don't remember this day back and forth.  It happens, but the situation becomes such that I forget at the last moment.  I still remember till this morning.  I was thinking that I would give best wishes to Rajni first by calling, but then the matter went out of my mind.  So when I called up Rajni around 12 noon, I got engrossed in my day-to-day discussions as usual.  He remembered everything, so while asking me, he said - "What is it today, do you remember anything?"

Instead of answering, I asked the opposite question - "What are you telling me?"

She said again - "Don't you remember anything?"

I said- "Now tell me too?"  However, I was beginning to realize that I must be forgetting something.

She said in a sarcastic tone, "Maybe you were engaged?"

Hearing this from his mouth, I remembered everything.  I also started feeling guilty that what kind of a person am I, who cannot remember even the happy moments.

Well!  Now what could have happened, so I congratulated Rajni and explained that nothing is remembered in Bhagadaudi's life except work.  On him, this corona epidemic has taken away the power to think and understand.

Now she also understood that it is not my fault but the circumstances, so while congratulating she said - "What are you making special today? I had made milkshake for the children."

I said, "That's it! It's gone, when I come home, make it for me too. Right now I'm making lentils and roti."

"Okay, but do bring some fruits for yourself as well. You never bring them" - said Rajni.

I said- "I will bring it."

After that, things happened here and there for a long time.  Children's education, household expenses, health, routine, etc., etc.  Then Rajni only said- "It is too late. I also cook. The little one should eat very cold. Otherwise I will have to run to eat."

I said- "Okay then. Keep the phone now, I am also having food now."  From there Rajni and from here I said "bye" and hung up the phone.

This is how we enjoyed this special day of life.  He is happy and I am happy.  That's the fun in struggle, even two moments of happiness take a long time.  However!  After this I had my meal and took my way to the office.  I returned to the room at ten.30 pm.  It is now quarter past one and I am busy writing my diary.

Friends!  When this special day of engagement is about to be celebrated, I feel like I should also tell you the anecdote which made this special day historic for me.  Know for sure, you will enjoy a lot and you have never heard such a story before.  But...not today, for that you will have to wait till tomorrow.  Till then allow me, hello!!  good night!!

 (To be continued......)

  11-06-2021


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