Saturday, 1 January 2022

01-01-2022 (नई सुबह की नई शुरुआत)


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नई सुबह की नई शुरुआत

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दिनेश कुकरेती

ज नये साल का पहला दिन है। मनोवैज्ञानिक रूप से ऐसे मौके जीवन में नई ऊर्जा का संचार करने वाले माने जाते हैं। लेकिन, मेरी मान्यता है कि हर सुबह जीवन में उल्लास और उमंग लेकर ही आती है, इसलिए हर सुबह का स्वागत नये साल की सुबह जैसा ही होना चाहिए। हालांकि, मेरा यह भी मानना है जन की राय यदि जीवन में उल्लास घोलने वाली हो तो उस पर किसी को भी मन की राय नहीं थोपनी चाहिए। सो, मैंनै भी नए साल का स्वागत नए संकल्प और नए कार्यों के साथ ही किया। इसमें सबसे पहला एवं अहम कार्य है 21 दिन का SELF HEALING ONLINE PROGRAMME ज्वाइन करना। यह शिविर HOLISTIC HEALER & GRANDMASTER मित्र गणेश काला ने SHRI SACHIDANAND WELLNESS FOUNDATIONS के बैनर तले शुरू किया है।

कालाजी और मेरी इस विषय पर कई दिनों से बात हो रही थी। लिहाजा तय किया गया कि इस नि:शुल्क शिविर की शुरुआत नये साल के पहले दिन से की जाए। इसका समय सुबह पांच से छह बजे तक रखा गया है। हीलिंग का अभ्यास करने के लिए यह सर्वोत्तम समय है। बतौर कोच कालाजी का यह पहला आनलाइन शिविर है और बतौर प्रशिक्षु मेरा भी पहला। पर, सच कहूं तो हीलिंग सीखने में आनंद आ रहा है। आने वाले दिनों में मैं ब्लाग के जरिये भी शिविर में सीखी गई जानकारियां आपसे साझा करूंगा। ताकि आप भी ब्रह्मांड की ऊर्जा से शारीरिक एवं मानसिक रूप से लाभान्वित हो सकें। आज ही उत्तरांचल प्रेस क्लब में मुझ समेत संपूर्ण नवनिर्वाचित कार्यकारिणी ने कार्यभार भी ग्रहण किया। इसके लिए दोपहर 12 बजे का समय निर्धारित किया गया था, हालांकि मैं साढे़ ग्यारह बजे ही क्लब पहुंच गया।

दोपहर 12:55 बजे कार्यभार ग्रहण करने के निमित्त कार्यक्रम शुरू हुआ, जो लगभग दो बजे तक चला। कार्यक्रम के दौरान ही हमने औपचारिक रूप से बैठक भी आयोजित कर दी, जिसमें नवनिर्वाचित और निवर्तमान सदस्यों ने भी सुझाव एवं विचार रखे। निवर्तमान कार्यकारिणी की ओर से नवनिर्वाचित पदाधिकारी व कार्यकारिणी सदस्यों को नये साल की डायरी व पेन भेंट किए गए। इस मौके पर निवर्तमान कार्यकारिणी की ओर से सहभोज की व्यवस्था भी की गई थी। सो, सहभोज में सभी ने चावल, तोर की दाल और हरी सब्जी का आनंद उठाया। मेरे लिए तो ऐसे मौके आनंद के होते ही हैं। खैर! पौने तीन बजे के आसपास मैं आफिस पहुंच गया।

आफिस पहुंचने के बाद मैं कुछ देर लाइब्रेरी में खिड़की के पास बैठकर धूप सेंकता हूं। आज भी मैंने ऐसे ही किया। इस बीच फोन पर कालाजी से भी हीलिंग के बारे में चर्चा हुई। मसलन, शिविर से ज्यादा से ज्यादा लोग कैसे जोडे़ जाएं, इसका प्रचार-प्रसार कैसे हो, लोगों हीलिंग के लाभ किस तकनीक से समझाए जाएं वगैरह-वगैरह। इसके साथ ही फोन, वाट्सएप व फेसबुक पर नए मित्र-परिचितों से शुभकामनाओं का आदान-प्रदान भी चलता रहा। बात चली है तो मैं अपने साहित्यकार मित्र मुकेश नौटियाल का जिक्र खासतौर पर करना चाहूंगा। मुकेश भाई ने शुभकामनाओं के साथ मुझे डिजिटल फार्मेट में एक पेंटिंग भी भेंट की। यह पेंटिंग उन्होंने स्वयं बनाई है। इसमें सुहानी सुबह का मनमोहक नजारा दिखाई दे रहा है, जिसका प्रकृति प्रफुल्लित होकर स्वागत कर रही है।













इस बीच सतीजी ने बताया कि कल रविवार को हम तीन-चार लोग रिस्पना पुल के पास मीनाक्षी वेडिंग प्वाइंट में गढ़भोज पर आमंत्रित हैं। यह भोज अखिल गढ़वाल सभा की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण के मौके पर आयोजित किया गया है। ऐसे संस्कृति से जुडे़ कार्यक्रमों का हिस्सा बनना मुझे हमेशा ही अच्छा लगता है, इसलिए मैंने गढ़भोज में जाने को हामी भर ली और फिर जुट गया खबरों की उधेड़बुन में। रात साढे़ दस बजे के आसपास में कमरे में पहुंचा। दिन में कुछ ज्यादा ही भोजन कर लिया था, इसलिए खाना नहीं बनाया। बस! चाय-बिस्कुट से ही काम चला लिया। वैसे भी खाने की जबरदस्ती कभी नहीं करनी चाहिए, इससे सेहत को नुकसान ही होता है। इस समय मैं डायरी पूरी करने के बाद सोने की तैयारी कर रहा हूं। सुबह हीलिंग सीखने के लिए पांच बजे से पहले जागना है। इसलिए सोना भी जल्दी पडे़गा। ...तो ठीक है फिर, कल मिलते हैं। तब तक के लिए नमस्कार!!

इसे भी देखें

https://www.facebook.com/100004242762562/posts/2317282245089845/ 

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New morning new beginning

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Dinesh Kukreti

Today is the first day of the new year.  Psychologically, such occasions are considered to infuse new energy in life.  But, I believe that every morning brings joy and enthusiasm in life, so every morning should be welcomed like the morning of the new year.  However, I also believe that if the opinion of the public is going to add joy to life, then no one should impose the opinion of the mind on it.  So, I also welcomed the new year with new resolutions and new tasks.  The first and most important task in this is to join SELF HEALING ONLINE PROGRAMME for 21 days.  This camp is started by HOLISTIC HEALER & GRANDMASTER friend Ganesh Kala under the banner of SHRI SACHIDANAND WELLNESS FOUNDATIONS.

Kalaji and I were talking on this subject for several days.  So it was decided that this free camp should be started from the first day of the new year.  Its timing has been kept from five to six in the morning.  This is the best time to practice healing.  This is Kalaji's first online camp as a coach and my first as a trainee.  But to be honest, learning healing is a pleasure.  In the coming days, I will share with you the information learned in the camp through a blog.  So that you too can benefit physically and mentally from the energy of the universe.  Today, the entire newly elected executive committee including me has also taken charge in Uttaranchal Press Club.  For this the time was fixed at 12 noon, although I reached the club only at 11:30.













The program started at 12:55 pm for taking charge, which lasted till about two o'clock.  During the program itself, we also formally organized a meeting, in which the newly elected and outgoing members also gave their suggestions and ideas.  New Year's diaries and pens were presented to the newly elected office bearers and executive members on behalf of the outgoing executive.  On this occasion, arrangements were also made for the outgoing executive committee.  So, everyone enjoyed rice, toor dal and green vegetables in the dinner.  For me, such occasions are always of joy.  So!  I reached the office around three o'clock.

After reaching the office, I sit in the library by the window and soak in the sun.  I did the same thing today.  Meanwhile, there was a discussion on the phone with Kalaji about healing.  For example, how to connect more and more people to the camp, how it should be promoted, what techniques should be explained to people about the benefits of healing, etc.  Along with this, exchange of greetings with new friends and acquaintances also continued on phone, WhatsApp and Facebook.  If the matter has gone on, I would like to especially mention my literary friend Mukesh Nautiyal.  Mukesh Bhai also presented me a painting in digital format along with best wishes.  He himself made this painting.  In this, a beautiful view of a pleasant morning is visible, which is being welcomed by nature cheerfully.

Meanwhile, Satiji told that tomorrow on Sunday, three or four people are invited for Garhbhoj at Meenakshi Wedding Point near Rispana bridge.  This banquet has been organized on the occasion of swearing-in of the newly elected executive of Akhil Garhwal Sabha.  I always like to be a part of such cultural programs, so I agreed to go to Garhbhoj and then got involved in the buzz of news.  Reached the room around 10.30 pm.  Had eaten too much food during the day, so did not prepare food.  Bus!  Worked only with tea and biscuits.  Anyway, food should never be forced, it only harms health.  Right now I am preparing to sleep after completing the diary.  One has to wake up before five o'clock in the morning to learn healing.  That's why gold will also fall soon.  ...Okay then, see you tomorrow.  Goodbye until then!!

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2 comments:

  1. मानव शरीर भी ब्रह्मांड का सूक्ष्म रूप है। आकाशगंगा, हमारे न्यूरोन्स और कोशाणु एक ही चुंबकीय गति से कंपित होते हैं। हमारे अवचेतन मानसपटल पर अंकित भय, क्रोध, अहंकार, असुरक्षा, द्वेश की सूचनाएं अंकित रहने से मन, शरीर और ब्रह्मांड की तारतम्यता टूट जाने से शारीरिक, मानसिक भावनात्मक रोग पनपते हैं। इस कार्यशाला में Mind, Body , Soul की लयवद्धता कर स्वयं का आत्मरूपांतरण करेंगे। मानव कल्याण के इस मिशन को सिद्धांत के बाद जन-जागरूकता फैलाने में आपका यह योगदान अमूल्य है। हार्दिक आभार और शुभकामनाएं 🙏

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