Saturday, 29 May 2021

19-04-2021 (रिपोर्ट नेगेटिव आने से मैं खुश हूं)

google.com, pub-1212002365839162, DIRECT, f08c47fec0942fa0
रिपोर्ट नेगेटिव आने से मैं खुश हूं

------------------------------------

दिनेश कुकरेती

ज पांचवां दिन था अवकाश का। इस समय रात के साढे़ ग्यारह बजे हैं। साढे़ आठ बजे के आसपास आफिस से किरण भाई (समाचार संपादक) ने मेरे वाट्सएप पर एक सूची भेजी। इसमें उन लोगों के नाम थे, जिन्होंने कल हमारे साथ कोविड जांच कराई थी और पाजिटिव आए हैं। सूची में मेरा नाम नहीं था यानी मेरी रिपोर्ट नेगेटिव थी। मन को असीम शांति मिली। मैंने सीधे किरण भाई को फोन लगाया कि क्या कल आफिस आना है। इस पर उनका कहना था कि सतीजी से पूछ लूं। मैंने इस समय पूछना उचित नहीं समझा और किरण भाई से कह दिया कि कल तो वो स्वयं ही फोन कर देंगे। वैसे भी मेरे आफिस का टाइम तो अपराह्न तीन बजे का है।

इसके बात मैंने घर फोन लगाया, क्योंकि घर में रिपोर्ट को लेकर चिंता का माहौल था। लेकिन, जब बताया का रिर्पोर्ट नेगेटिव है तो पत्नी का भी प्रफुल्लित होना स्वाभाविक था। हालांकि, जब तक रिपोर्ट नहीं आई थी, तब तक मैं भी तनाव में था और वो भी। हालांकि, इसे व्यक्त दोनों में से कोई नहीं कर रहा था। सुबह योग एवं प्राणायाम करने के बाद जब मैंने घर फोन किया तो यह स्पष्ट नहीं था कि रिपोर्ट आज ही आ जाएगी। अपने हाथ में कुछ नहीं था, इसलिए इस संबंध में तनाव लेकर भी कुछ नहीं होने वाला था। यही विचारकर मैंने तय कर लिया कि लंच के बाद आज तो नेमिचंद्र शास्त्री की पुस्तक 'भारतीय ज्योतिष' के कुछ अध्याय जरूर पढूंगा।

ऐसा ही हुआ भी। मैंने पुस्तक के दो अध्याय पढ़ डाले। बाकी आराम करने व यू-ट्यूब पर पिक्चर  देखने के सिवा ऐसा कोई कार्य नहीं किया, जिसका उल्लेख किया जा सके। रात का भोजन भी अन्य दिनों की तरह नियत टाइम पर हुआ। इस समय डायरी लिखने के साथ यू-ट्यूब पर गज़ल सुन रहा हूं। हां! जिस बात का जिक्र करना मैं अक्सर भूल जा रहा था, वह यह कि अभी हमने हरिद्वार के होटल का पेमेंट नहीं किया है। इसकी वजह यह रही कि तब हमारे पास पैसे नहीं थे। इसलिए हमने जिन सज्जन के जरिये होटल में रूम लिया था, उन्हीं के नाम यह कहकर उधारी कर आए कि देहरादून पहुंचकर गूगल पे कर देंगे।

विडंबना देखिए कि देहरादून पहुंचकर हम एकांतवास और आरटी-पीसीआर टेस्ट के चक्रव्यूह में फंस गए। अब अगर कल आफिस जाना हुआ तो सबसे पहले बिल ही जमा करूंगा। ताकि जल्द से जल्द पेमेंट हो जाए और हम होटल की उधारी चुका सकें। होटल में हमारी गारंटी देने वाले सज्जन का छायाकार साथी राजेश बड़थ्वाल को दो-तीन बार फोन आ चुका है। पेमेंट के लिए कह रहा है। उसे क्या मालूम कि मैं उससे ज्यादा चिंतित हूं। बहरहाल! फिलहाल तो सुबह होने का इंतजार है। चलिए! अब सो लिया जाए। खुदा हाफिज!!

--------------------------------------------------------------

I am happy to see the report coming negative

----------------------------------------------------------

Dinesh Kukreti

Today was the fifth day of holiday.  It is half past eleven at night.  Around half past eight, Kiran Bhai (News Editor) from the office sent a list to my WhatsApp.  It had the names of those people who had a Covid check with us yesterday and have come positive.  My name was not in the list i.e. my report was negative.  Peace of mind was immense.  I called Kiran Bhai directly whether the office is to come tomorrow.  On this, he said that I should ask Satiji.  I did not consider it appropriate to ask at this time and told Kiran Bhai that tomorrow he will call himself.  Anyway, my office time is at 3 pm.















I called home because of this, because there was an atmosphere of concern about the report in the house.  But, when told that the report is negative, then it was natural for the wife to be cheerful as well.  However, until the report came, I was also under stress and that too.  However, neither of the two expressed it.  After doing yoga and pranayam in the morning, when I called home, it was not clear that the report would come today.  There was nothing in his hand, so nothing was going to happen with tension in this regard.  Considering this, I decided that after lunch today, I will definitely read some chapters of Nemichandra Shastri's book 'Indian Astrology'.

The same thing happened.  I read two chapters of the book.  Apart from resting and watching the picture on YouTube, there was no such thing that can be mentioned.  Dinner also happened at the appointed time like other days.  Currently listening to the ghazal on YouTube along with writing a diary.  Yes!  What I often forgot to mention is that we have not yet paid for the hotel in Haridwar.  The reason for this was that we had no money then.  Therefore, the gentleman through whom we had taken room in the hotel, borrowed the names of those people saying that they will reach Dehradun and pay them on Google.

Ironically, after reaching Dehradun, we were caught in a cycle of solitude and RT-PCR test.  Now, if I have to go to office tomorrow, I will first submit the bill.  So that payment is made as soon as possible and we can repay the hotel borrowings.  Rajesh Barthalwal, the cinematographer of the gentleman who gave our guarantee in the hotel, has received a call two or three times.  Asking for payment.  What does she know that I am more worried about her?  However!  At present, it is waiting for morning.  Let go!  Now go to sleep  Khuda Hafiz !!!

No comments:

Post a Comment

Thanks for feedback.

13-11-2024 (खुशनुमा जलवायु के बीच सीढ़ियों पर बसा एक खूबसूरत पहाड़ी शहर)

सीढ़ियों पर बसे नई टिहरी शहर का भव्य नजारा।  google.com, pub-1212002365839162, DIRECT, f08c47fec0942fa0 खुशनुमा जलवायु के बीच सीढ़ियों पर बस...