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आज फिर कराया कोविड टेस्ट---------------------------------
दिनेश कुकरेती
अन्य दिनों की अपेक्षा आज नींद जल्दी खुल गई थी। स्नान-ध्यान के बाद कच्चे चने व बिस्कुट का नाश्ता लिया और सवा दस बजे के आसपास चल पडा़ कोविड टेस्ट कराने घंटाघर की ओर। चलते-चलते मन में विचार आया कि बाइक प्रेस क्लब में खडी़ करके घंटाघर पहुंचा जाए। लेकिन, कोविड कर्फ्यू के कारण क्लब के गेट पर भी ताला पडा़ हुआ था। यह देख मैंने छायाकार साथी राजेश बड़थ्वाल को फोन कर पूछा कि क्या वो घंटाघर पहुंच गया है। उसके 'हां' कहने पर मैंने पूछा कि बाइक लेकर आने में कोई दिक्कत तो नहीं होगी। उसने कहा, 'सब लेकर आए हैं, वह स्वयं भी। कोई दिक्कत नहीं है, घंटाघर पूरी तरह खाली है।'
इसके बाद मुझे बामुश्किल पांच मिनट लगे होंगे घंटाघर पहुंचने में। बड़थ्वाल ने बताया कि अभी स्वास्थ्य विभाग की टीम नहीं पहुंची है। कब तक पहुंचेगी, यह भी किसी को पता नहीं। इस बीच दो अन्य मित्र भी वहां पहुंच गए। अब हम आठ-दस लोग वहां खडे़ थे आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के लिए। सवा ग्यारह बजे तक भी जब टीम नहीं पहुंची तो हमने इधर-उधर फोन कर इसकी वजह पूछी। पता चला कि टीम को आना है, लेकिन अभी चली नहीं। इसी उधेड़बुन में दिन के बारह बज गए। सवा बारह बजे के आसपास टीम के पहुंचने पर सभी ने राहत की सांस ली।
टीम को व्यवस्थित होने में पंद्रह मिनट लगे। इसके बाद उसने जांच शुरू कर दी और दोपहर एक बजे के आसपास मैं वापस रूम में था। भूख लगी थी, इसलिए जल्दी-जल्दी कपडे़ बदले और फिर भोजन बनाने में जुट गया। साथ ही घर पर भी फोन करके बता दिया कि टेस्ट करा लिया है, शायद कल तक रिपोर्ट आ जाएगी। फिलहाल तब तक घर पर ही रहना है। वैसे सच कहूं तो रिपोर्ट को लेकर अंदर ही अंदर में भी चिंतित हूं। कहीं पाजिटिव रही तो...?
दो घंटे आराम करने के बाद फिर भोजन बनाने की फिक्र। क्या बनाया जाए। इच्छा हुई कि आज मैगी बनाई जाए, ठेठ भारतीय स्टाइल में। यानी हरी मिर्च, प्याज, टमाटर मिलाकर। तरावट आ जाएगी। ऐसा हुआ भी। अब घडी़ रात के नौ बजा रही थी। पानी आने में देर थी, इसलिए घर फोन करना ही बेहतर समझा। उधर से फोन उठाते ही पत्नी ने सवाल किया, 'रिपोर्ट आ गई क्या'। मैंने कहा, 'अभी कोई जानकारी नहीं है। देखते हैं कब तक आती है'। उसने फिर भरोसा दिलाया कि सब-कुछ ठीक ही होगा।
भरोसा तो मुझे भी है, लेकिन जैसे-जैसे छुट्टी के दिन बढ़ रहे हैं, मन का बोझ भी बढ़ता जा रहा है। इसी बोझ के कारण आज मैं नेमिचंद्र शास्त्री की पुस्तक भारतीय ज्योतिष का अध्ययन नहीं कर पाया। जबकि, सामान्य दिनों में मैं पुस्तक को पूरी पढ़ चुका होता। चलिए देखते हैं, ऊंट किस करवट बैठता है। फिलहाल तो सो लिया जाए। पानी भी भर ही लिया है। ...तो ठीक है मितरों, शुभरात्रि!!!
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Today, Covid test was conducted again
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Dinesh Kukreti
Sleep was open sooner than other days. After bathing meditation, took breakfast of raw gram and biscuits and walked towards the clock tower to conduct the Kovid test around ten o'clock. While walking, I got the idea that standing in the bike press club should reach the clock tower. However, the club's gate was also locked due to the Covid curfew. Seeing this, I phoned cinematographer Rajesh Baratwal and asked if he had reached the clock tower. When he said 'yes', I asked if there would be any problem in bringing the bike. He said, 'He has brought everyone, he himself. There is no problem, the clock tower is completely empty. '
After that it would have taken me hardly five minutes to reach Ghantaghar. Barathwal said that the Health Department team has not arrived yet. No one knows when the time will reach. Meanwhile, two other friends also reached there. Now eight - ten people were standing there to conduct RT-PCR test. When the team did not reach even till eleventh quarter, we called here and there to ask the reason for this. It was revealed that the team had to come, but it was not yet done. It was twelve o'clock in the day. Everyone breathed a sigh of relief when the team arrived at around 12:15.
The team took fifteen minutes to settle. After that he started investigating and I was back in the room around one o'clock in the afternoon. Was hungry, so quickly changed clothes and then started preparing food. Along with this, he also called at home and told that he has got the test done, maybe the report will come by tomorrow Until now, stay at home. Well to be honest, I am deeply concerned about the report inside as well. If you are positive somewhere…?
After two hours of rest, worry about making food again. What to make Wish to make Maggi today, in typical Indian style. That means adding green chillies, onions, tomatoes. The temperature will come down. It happened as well. Now the clock was playing at nine o'clock. Water was late, so it was better to call home. On the other hand, picking up the phone, the wife questioned, 'Has the report come'. I said, 'There is no information right now. Let us see how long it comes'. He again assured that everything would be fine.
I have faith too, but as the days of vacation are increasing, the burden of mind also increases. Due to this burden, today I could not study Nemichandra Shastri's book Indian Astrology. Whereas, on normal days I would have read the book in its entirety. Let us see which side the camel sits on. For the moment, you should be asleep. Water has also been filled. … So okay friends, good night !!!
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