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ऐसे बनी सैर-सपाटे की प्लानिंग
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दिनेश कुकरेती
होली-दीवाली के अलावा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस के पर्व मीडिया से जुडे़ लोगों के लिए खास मायने रखते हैं। खासकर 14 अगस्त और 25 जनवरी तो उनके लिए उल्लेखनीय दिन होते हैं। यह दोनों ही दिन उनके लिए अगले दिन की प्लानिंग करने के होते हैं। अपने-अपने ग्रुप तैयार करने के होते हैं। आज भी 14 अगस्त का दिन है। हम कुछ साथी पिछले कई दिनों से प्लानिंग कर रहे हैं कि 15 अगस्त का उल्लास शहर से दूर किसी एकांत स्थान पर मनाएंगे। कोरोना संक्रमण के चलते हममें से कोई भी पिछले पांच महीनों से कहीं बाहर नहीं गया है। आफिस से घर और घर से आफिस, यही हमारी दिनचर्या हो रखी है। जाहिर है ऐसे में आउटिंग पर जाने का मौका मिल जाए तो कहने ही क्या।
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पहले हमारी प्लानिंग थी कि 14 अगस्त की रात ही निकल लेंगे। लेकिन, कुछ साथी इसके लिए तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि 15 की सुबह निकलना ही बेहतर होगा। इसलिए हमने भी रात निकलने का इरादा बदल दिया। तय हुआ कि 15 की सुबह साढे़ नौ बजे प्रेस क्लब मे झंडारोहण के बाद निकला जाएगा। लेकिन, जाएंगे सिर्फ पांच लोग। जबकि, छठा साथी अपने घर से सीधे आसन बैराज स्थित फारेस्ट गेस्ट हाउस पहुंच जाएगा। वहीं हमारे ठहरने की व्यवस्था है। विकासनगर के दो साथी वहां पहले से ही मौजूद रहेंगे। हालांकि, यह सब जानकारी सिर्फ दो ही लोगों को थी।
यह सब कार्यक्रम तय कर मैं रात पौने ग्यारह बजे जैसे ही आफिस से रूम की तरफ निकलने लगा, तभी एक साथी तेजी से मेरी तरह आया और बोला, "यार! वहां रात को रुकने का समर्थन मत करना। तू भी यही कहना कि रात को घर लौटना है।" उसकी बात रखने के लिए मैंने हां में हां मिलाई और आफिस से निकल लिया। हालांकि, मन में यही था कि जो भी हो रात को वापस नहीं लौटना। रूम में पहुंचते ही मैंने रात रुकने के लिए एक बैग में जरूरी सामान भी पैक कर दिया। आउटिंग का मजा ही तभी आता है, जब रात की दावत भी साथियों के साथ उडा़ई जाए। खैर! कल की कल है, देख जाएगा क्या होता है। फिलहाल तो सो जाता हूं, सुबह जल्दी उठकर झंडारोहण करने भी जाना है।
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Planning of such a picnic
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Dinesh Kukreti
Apart from Holi and Diwali, the festivals of Independence Day and Republic Day have special significance for the people associated with the media. Especially 14 August and 25 January are notable days for them. Both
these days are for them to plan for the next day. Consists of preparing their respective groups. Today is also the day of 14 August. We have been planning some companions for the past several days that the celebration of August 15 will be celebrated in a secluded place away from the city. None of us have gone out of the last five months due to corona infection. This is our daily routine from home to office and home to office. Obviously, if you get a chance to go outing then what to say.
Earlier our planning was that we will leave on the night of 14 August. But, some companions were not ready for this. He said that it would be better to leave in the morning of 15. So we also changed our intention to get out at night. It was decided that at 15:30 on the morning of 15, the press club would be released after the flag hoisting. But, only five people will go. Whereas, the sixth partner will directly reach the Forest Guest House at Asan Barrage from his house. There is a system of our stay. Two of Vikasnagar's companions will already be present there.
However, only two people had this information.Setting all this schedule, as soon as I got out of the office at eleven o'clock at night, a fellow came like me fast and said, "Dude! Don't support to stay there at night. You should also say that at night Return home. " In order to keep that point, I said yes and got out of the office.
However, the only thing in mind was not to return at night. On reaching the room, I also packed the essentials in a bag to stay the night. The joy of outing comes only when the night party is also flown with the companions. Well! Tomorrow is tomorrow, we will see what happens. For the moment, I go to sleep, have to get up early in the morning to go for flag hoisting.
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