सस्ते में ही टल गई मुसीबत
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दिनेश कुकरेती
आज सुबह उठने के बाद मैंने सबसे महत्वपूर्ण काम खत्री को फोन करने का किया। उसे फिर याद दिलाया कि बाइक के लिए इंजन आयल और 17 नंबर का नट ले आना। साथ ही एक किलो खीरा और आधा किलो लौकी या भिंडी लेते आने को भी कह दिया। इसके बाद रोजमर्रा के कार्य निपटाए और जुट गया भोजन बनाने में। इसी बीच पानी भरकर भी रख दिया। दोपहर पौने तीन बजे के आसपास मैं आफिस पहुंचा। तब खत्री कैंटीन में था। तीन बजे के लगभग जब वो लाइब्रेरी में पहुंचा तो अपनी टेबल के रैक से इंजन आयल की बोतल निकालकर मुझसे पार्किंग में चलने को कहा।
पार्किंग में पहुंचकर खत्री फिर आफिस की कार के ड्राइवर से पलाश व चाबी ले आया। लाइब्रेरी से एक साफ्ट गत्ता वो कीप बनाने के लिए पहले ही साथ ले आया था। मुझे उम्मीद थी कि इंजन आयल बच जाएगा, लेकिन यहां तो पूरा एक लीटर आयल खप गया। इसका मतलब पहले डाला हुआ आयल पूरा खत्म हो चुका था। हां! नट लगाने के लिए जरूर मैंने उसे मना कर दिया। असल में कल कपडा़ लगाकर कसने के कारण नट पूरी तरह टाइट हो गया था। इसलिए उसे छेड़ना मैंने मुनासिब नहीं समझा। लेकिन, खत्री के लाए नट को मैंने उसी की टेबल के रैक में सुरक्षित रखवा दिया। ताकि जरूरत पड़ने पर काम आ सके।
खत्री ने बताया कि इंजन आयल 280 रुपये का आया है। जबकि, नट वो मैकेनिक से फ्री ही ले आया था। लेकिन, सब्जी लाना भूल गया। मैंने कहा, "कोई बात नहीं, कल ले आना। आज तो यही सबसे महत्वपूर्ण कार्य था।" अब संतोष है कि बाइक की खराबी ने मुश्किल खडी़ नहीं की। साथ ही पैसा भी ज्यादा खर्च नहीं हुआ। अच्छी बात यह थी कि कल से इंजन आयल बूंदभर भी लीक नहीं हुआ था। इसके बाद हमने दो-दो गिलास मट्ठा पिया और जुट गए अपने-अपने काम में। रूम में लौटना तो रात पौने ग्यारह के आसपास ही हो पाया।
इस समय रात के सवा बारह बज चुके हैं। भोजन हो चुका है और अभी-अभी पीने व सुबह नहाने के लिए पानी भरकर मैं बिस्तर में आया हूं। कुछ कपडे़ भी थे, लगे हाथ उन्हें भी धो दिया। फिलहाल अभी मेरे सोने का वक्त नहीं हुआ। कुछ देर यू-ट्यूब और फेसबुक पर कुछ मनपसंद न्यूल चैनल देखूंगा। खासकर, साक्षी जोशी और प्रज्ञा मिश्रा के चैनल मुझे बहुत पसंद आते हैं। रवीश कुमार, अजीत अंजुम, संदीप चौधरी, पुण्य प्रसून वाजपेयी व अभिसार भी मेरे फेवरेट हैं। कहने का मतलब पौने दो बजे से पहले तो सोना न हो पाएगा। पर, आपको तो नींद आ रही होगी। आप थोडी़ हैं मेरी तरह निशाचर। इसलिए आप अब नींद का आनंद लीजिए। शुभरात्रि!!
06-05-2021
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Trouble averted cheaply
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Dinesh Kukreti
The most important thing I did after getting up this morning was to call Khatri. Remind him again to bring engine oil and nut of number 17 for the bike. Along with this, one kilo of cucumber and half a kilo of gourd or ladyfinger were also asked to come. After this, he dealt with everyday tasks and started preparing food. In the meantime, keep it filled with water. I reached the office around 3.45 pm. Then Khatri was in the canteen. When he reached the library around 3 o'clock, he took out a bottle of engine oil from the rack of his desk and asked me to walk into the parking lot.
After reaching the parking lot, Khatri again brought the palash and key from the driver of the office car. He had already brought a soft cardboard from the library to make the funnel. I hoped that the engine oil would be saved, but here a whole liter of oil was consumed. This means that the previously poured oil was completely exhausted. Yes! I definitely refused him to put the nuts. Actually yesterday, due to tightening with cloth, the nut had become completely tight. That's why I didn't think it right to tease him. But, I kept the nuts brought by Khatri safe in the rack of his table. So that it can come in handy when needed.
Khatri told that engine oil has come for Rs 280. Whereas, he had brought the nut free from the mechanic. But, forgot to bring vegetables. I said, "It's okay, get it tomorrow. That was the most important thing today." Now satisfied that the fault of the bike did not create trouble. Also not much money was spent. The good thing was that not even a drop of engine oil had leaked since yesterday. After this we drank two glasses of whey and got busy in our respective work. Returning to the room, it was only around quarter past eleven.
At this time it is twelve o'clock in the night. The meal is done and I have just come to bed with water to drink and take a bath in the morning. There were some clothes too, I washed them with my hands. Right now it is not time for me to sleep. I will watch some favorite new channels on YouTube and Facebook for some time. Especially, I love the channels of Sakshi Joshi and Pragya Mishra. Ravish Kumar, Ajit Anjum, Sandeep Choudhary, Punya Prasoon Bajpai and Abhisar are also my favourites. It means to say that before half past two, you will not be able to sleep. But, you must be sleeping. You are a bit nocturnal like me. So now enjoy your sleep. good night!!
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