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दिनेश कुकरेती
आज सुबह स्नान-ध्यान के बाद मैंने सबसे पहला काम होटल की उधारी चुकाने का किया। सवा दस बजे के आसपास मैंने अपने खाते से लगभग पांच हजार रुपये लखेडा़ जी के बताए एकाउंट नंबर में ट्रांसफर कर दिए। साथ ही इसके भुगतान की रसीद डाउनलोड कर उसे लखेडा़ जी को वाट्सएप कर दिया। आधे घंटे बाद उनका थैंक्यू का मैसेज भी आ गया। तब से ऐसा लग रहा है, जैसे सर पर रखा बोझा उतार दिया हो। देर-सवेर आफिस से भी बिल का भुगतान हो ही जाएगा। लेकिन, मन की शांति के लिए आज ये क्लेश कटना जरूरी था।
इसके बाद मैंने लौकी की सब्जी व रोटी बनाई और फिर भोजन कर ढाई बजे के आसपास आफिस के लिए निकल पडा़। लौकी की सब्जी का जिक्र हुआ है तो ये भी बता दूं कि इन दिनों सब्जी लाने में मेरी मदद एक मित्र कर रहा है। दरअसल, कोविड कर्फ्यू के चलते सब्जियां सुबह दस बजे तक ही बिकती हैं। मेरे घर के आसपास भी सब्जी वाले कम ही आते हैं। ऐसे में मैंने आफिस के ही एक साथी दिनेश खत्री से कह रखा है कि वो सुबह घर से आफिस आते हुए मेरे लिए सब्जी भी खरीद लिया करे। क्योंकि, उसके रूट पर सब्जी वाले बहुतेरे मिल जाते हैं।
इसके अलावा बीच-बीच में वह रश्क के पैकेट भी ले आता है। पेमेंट उसे मैं गूगल पे से कर देता हूं। बहरहाल! आफिस में पहुंचने के बाद मैंने छायाकार साथी राजेश बड़थ्वाल को भी अवगत करा दिया कि लखेडा़ जी का पेमेंट कर दिया है। हालांकि, आफिस से अभी भुगतान नहीं मिला है। कब तक मिलेगा, यह भी नहीं मालूम। फिलहाल रात के दो बजने वाले हैं। दो घंटे से मैं यू-ट्यूब पर फिल्म देख रहा हूं। पौने ग्यारह बजे के आसपास मैं आफिस से रूम में पहुंच गया था। लगभग एक घंटा भोजन बनाने और पानी भरने में लग गया। चलिए! अब सो लिया जाए। शुभरात्रि!!!
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The burden of the head has become lighter
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Dinesh Kukreti
The first thing I did this morning after my bath and meditation was to pay off the hotel loan. Around 10.15 pm, I transferred about five thousand rupees from my account to the account number given by Lakheda ji. Along with this, after downloading the receipt of its payment, it was WhatsApp to Lakheda ji. After half an hour his thank you message also arrived. Since then, it seems as if the burden placed on the head has been removed. Sooner or later the bill will also be paid from the office. But, for peace of mind, it was necessary to cut this tribulation today.
After this, I made gourd vegetable and roti and then after having food, I left for office around 2.30 pm. If there is a mention of gourd vegetable, then let me also tell that these days a friend is helping me in bringing vegetables. In fact, due to the Kovid curfew, vegetables are sold only till ten in the morning. Vegetable vendors rarely come near my house. In such a situation, I have told Dinesh Khatri, a colleague of the office, that he should also buy vegetables for me while coming from home in the morning. Because, many vegetables are found on its root.
Apart from this, in between he also brings packets of rashk. I pay it through google pay. However! After reaching the office, I also informed the cinematographer Rajesh Barthwal that the payment of Lakheda ji has been made. However, the payment has not yet been received from the office. Don't even know how long it will be available. It is now two o'clock in the night. I have been watching the film on YouTube for two hours. Around eleven o'clock I reached the room from the office. It took about an hour to prepare food and fill water. Let go! Now go to sleep. good night!!!
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